Surat Al-Israa (The Night Journey) - الإسراء
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17:30 إِنَّ رَبَّكَ يَبْسُطُ ٱلرِّزْقَ لِمَن يَشَآءُ وَيَقْدِرُ إِنَّهُۥ كَانَ بِعِبَادِهِۦ خَبِيرًۢا بَصِيرًا ﴿٣٠﴾ इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार जिसके लिए चाहता है रोज़ी को फराख़ (बढ़ा) देता है और जिसकी रोज़ी चाहता है तंग रखता है इसमें शक़ नहीं कि वह अपने बन्दों से बहुत बाख़बर और देखभाल रखने वाला है | ||