Surat Al-Israa (The Night Journey) - الإسراء
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17:98 ذَٰلِكَ جَزَآؤُهُم بِأَنَّهُمْ كَفَرُوا۟ بِـَٔايَٰتِنَا وَقَالُوٓا۟ أَءِذَا كُنَّا عِظَٰمًا وَرُفَٰتًا أَءِنَّا لَمَبْعُوثُونَ خَلْقًا جَدِيدًا ﴿٩٨﴾ أَوَلَمْ يَرَوْا۟ أَنَّ ٱللَّهَ ٱلَّذِى خَلَقَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضَ قَادِرٌ عَلَىٰٓ أَن يَخْلُقَ مِثْلَهُمْ وَجَعَلَ لَهُمْ أَجَلًا لَّا رَيْبَ فِيهِ فَأَبَى ٱلظَّٰلِمُونَ إِلَّا كُفُورًا﴿٩٩﴾ ये सज़ा उनकी इस वज़ह से है कि उन लोगों ने हमारी आयतों से इन्कार किया और कहने लगे कि जब हम (मरने के बाद सड़ गल) कर हड्डियाँ और रेज़ा रेज़ा हो जाएँगीं तो क्या फिर हम नये सिरे से पैदा करके उठाए जाएँगें क्या उन लोगों ने इस पर भी नहीं ग़ौर किया कि वह ख़ुदा जिसने सारे आसमान और ज़मीन बनाए इस पर भी (ज़रुर) क़ादिर है कि उनके ऐसे आदमी दोबारा पैदा करे और उसने उन (की मौत) की एक मियाद मुक़र्रर कर दी है जिसमें ज़रा भी शक़ नहीं उस पर भी ये ज़ालिम इन्कार किए बग़ैर न रहे | ||