Surat Al-Kahf (The Cave) - الكهف
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18:110 قُلْ إِنَّمَآ أَنَا۠ بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ يُوحَىٰٓ إِلَىَّ أَنَّمَآ إِلَٰهُكُمْ إِلَٰهٌ وَٰحِدٌ فَمَن كَانَ يَرْجُوا۟ لِقَآءَ رَبِّهِۦ فَلْيَعْمَلْ عَمَلًا صَٰلِحًا وَلَا يُشْرِكْ بِعِبَادَةِ رَبِّهِۦٓ أَحَدًۢا ﴿١١٠﴾ (ऐ रसूल) कह दो कि मैं भी तुम्हारा ही ऐसा एक आदमी हूँ (फर्क़ इतना है) कि मेरे पास ये वही आई है कि तुम्हारे माबूद यकता माबूद हैं तो वो शख्स आरज़ूमन्द होकर अपने परवरदिगार के सामने हाज़िर होगा तो उसे अच्छे काम करने चाहिए और अपने परवरदिगार की इबादत में किसी को शरीक न करें | ||