Surat Maryam (Mary) - مريم
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19:30 قَالَ إِنِّى عَبْدُ ٱللَّهِ ءَاتَىٰنِىَ ٱلْكِتَٰبَ وَجَعَلَنِى نَبِيًّا ﴿٣٠﴾ وَجَعَلَنِى مُبَارَكًا أَيْنَ مَا كُنتُ وَأَوْصَٰنِى بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱلزَّكَوٰةِ مَا دُمْتُ حَيًّا﴿٣١﴾ وَبَرًّۢا بِوَٰلِدَتِى وَلَمْ يَجْعَلْنِى جَبَّارًا شَقِيًّا﴿٣٢﴾ وَٱلسَّلَٰمُ عَلَىَّ يَوْمَ وُلِدتُّ وَيَوْمَ أَمُوتُ وَيَوْمَ أُبْعَثُ حَيًّا﴿٣٣﴾ ذَٰلِكَ عِيسَى ٱبْنُ مَرْيَمَ قَوْلَ ٱلْحَقِّ ٱلَّذِى فِيهِ يَمْتَرُونَ﴿٣٤﴾ (इस पर वह बच्चा कुदरते खुदा से) बोल उठा कि मैं बेशक खुदा का बन्दा हूँ मुझ को उसी ने किताब (इन्जील) अता फरमाई है और मुझ को नबी बनाया और मै (चाहे) कहीं रहूँ मुझ को मुबारक बनाया और मुझ को जब तक ज़िन्दा रहूँ नमाज़ पढ़ने ज़कात देने की ताकीद की है और मुझ को अपनी वालेदा का फ़रमाबरदार बनाया और (अलहमदोलिल्लाह कि) मुझको सरकश नाफरमान नहीं बनाया और (खुदा की तरफ़ से) जिस दिन मैं पैदा हुआ हूँ और जिस दिन मरूँगा मुझ पर सलाम है और जिस दिन (दोबारा) ज़िन्दा उठा कर खड़ा किया जाऊँगा ये है कि मरियम के बेटे ईसा का सच्चा (सच्चा) क़िस्सा जिसमें ये लोग (ख्वाहमख्वाह) शक किया करते हैं | ||