Surat Al-Baqara (The Cow) - البقرة
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2:142 سَيَقُولُ ٱلسُّفَهَآءُ مِنَ ٱلنَّاسِ مَا وَلَّىٰهُمْ عَن قِبْلَتِهِمُ ٱلَّتِى كَانُوا۟ عَلَيْهَا قُل لِّلَّهِ ٱلْمَشْرِقُ وَٱلْمَغْرِبُ يَهْدِى مَن يَشَآءُ إِلَىٰ صِرَٰطٍ مُّسْتَقِيمٍ ﴿١٤٢﴾ وَكَذَٰلِكَ جَعَلْنَٰكُمْ أُمَّةً وَسَطًا لِّتَكُونُوا۟ شُهَدَآءَ عَلَى ٱلنَّاسِ وَيَكُونَ ٱلرَّسُولُ عَلَيْكُمْ شَهِيدًا وَمَا جَعَلْنَا ٱلْقِبْلَةَ ٱلَّتِى كُنتَ عَلَيْهَآ إِلَّا لِنَعْلَمَ مَن يَتَّبِعُ ٱلرَّسُولَ مِمَّن يَنقَلِبُ عَلَىٰ عَقِبَيْهِ وَإِن كَانَتْ لَكَبِيرَةً إِلَّا عَلَى ٱلَّذِينَ هَدَى ٱللَّهُ وَمَا كَانَ ٱللَّهُ لِيُضِيعَ إِيمَٰنَكُمْ إِنَّ ٱللَّهَ بِٱلنَّاسِ لَرَءُوفٌ رَّحِيمٌ﴿١٤٣﴾ قَدْ نَرَىٰ تَقَلُّبَ وَجْهِكَ فِى ٱلسَّمَآءِ فَلَنُوَلِّيَنَّكَ قِبْلَةً تَرْضَىٰهَا فَوَلِّ وَجْهَكَ شَطْرَ ٱلْمَسْجِدِ ٱلْحَرَامِ وَحَيْثُ مَا كُنتُمْ فَوَلُّوا۟ وُجُوهَكُمْ شَطْرَهُۥ وَإِنَّ ٱلَّذِينَ أُوتُوا۟ ٱلْكِتَٰبَ لَيَعْلَمُونَ أَنَّهُ ٱلْحَقُّ مِن رَّبِّهِمْ وَمَا ٱللَّهُ بِغَٰفِلٍ عَمَّا يَعْمَلُونَ﴿١٤٤﴾ وَلَئِنْ أَتَيْتَ ٱلَّذِينَ أُوتُوا۟ ٱلْكِتَٰبَ بِكُلِّ ءَايَةٍ مَّا تَبِعُوا۟ قِبْلَتَكَ وَمَآ أَنتَ بِتَابِعٍ قِبْلَتَهُمْ وَمَا بَعْضُهُم بِتَابِعٍ قِبْلَةَ بَعْضٍ وَلَئِنِ ٱتَّبَعْتَ أَهْوَآءَهُم مِّنۢ بَعْدِ مَا جَآءَكَ مِنَ ٱلْعِلْمِ إِنَّكَ إِذًا لَّمِنَ ٱلظَّٰلِمِينَ﴿١٤٥﴾ बाज़ अहमक़ लोग ये कह बैठेगें कि मुसलमान जिस क़िबले बैतुल मुक़द्दस की तरफ पहले से सजदा करते थे उस से दूसरे क़िबले की तरफ मुड़ जाने का बाइस हुआ। ऐ रसूल तुम उनके जवाब में कहो कि पूरब पश्चिम सब ख़ुदा का है जिसे चाहता है सीधे रास्ते की तरफ हिदायत करता है और जिस तरह तुम्हारे क़िबले के बारे में हिदायत की उसी तरह तुम को आदिल उम्मत बनाया ताकि और लोगों के मुक़ाबले में तुम गवाह बनो और रसूल मोहम्मद तुम्हारे मुक़ाबले में गवाह बनें और (ऐ रसूल) जिस क़िबले की तरफ़ तुम पहले सज़दा करते थे हम ने उसको को सिर्फ इस वजह से क़िबला क़रार दिया था कि जब क़िबला बदला जाए तो हम उन लोगों को जो रसूल की पैरवी करते हैं हम उन लोगों से अलग देख लें जो उलटे पाव फिरते हैं अगरचे ये उलट फेर सिवा उन लोगों के जिन की ख़ुदा ने हिदायत की है सब पर शाक़ ज़रुर है और ख़ुदा ऐसा नहीं है कि तुम्हारे ईमान नमाज़ को जो बैतुलमुक़द्दस की तरफ पढ़ चुके हो बरबाद कर दे बेशक ख़ुदा लोगों पर बड़ा ही रफ़ीक व मेहरबान है। ऐ रसूल क़िबला बदलने के वास्ते बेशक तुम्हारा बार बार आसमान की तरफ मुँह करना हम देख रहे हैं तो हम ज़रुर तुम को ऐसे क़िबले की तरफ फेर देगें कि तुम निहाल हो जाओ अच्छा तो नमाज़ ही में तुम मस्ज़िदे मोहतरम काबे की तरफ मुँह कर लो और ऐ मुसलमानों तुम जहाँ कही भी हो उसी की तरफ़ अपना मुँह कर लिया करो और जिन लोगों को किताब तौरेत वगैरह दी गयी है वह बख़ूबी जानते हैं कि ये तबदील क़िबले बहुत बजा व दुरुस्त है और उस के परवरदिगार की तरफ़ से है और जो कुछ वह लोग करते हैं उस से ख़ुदा बेख़बर नही और अगर अहले किताब के सामने दुनिया की सारी दलीले पेश कर दोगे तो भी वह तुम्हारे क़िबले को न मानेंगें और न तुम ही उनके क़िबले को मानने वाले हो और ख़ुद अहले किताब भी एक दूसरे के क़िबले को नहीं मानते और जो इल्म क़ुरान तुम्हारे पास आ चुका है उसके बाद भी अगर तुम उनकी ख्वाहिश पर चले तो अलबत्ता तुम नाफ़रमान हो जाओगे | ||