Surat Al-Baqara (The Cow) - البقرة
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2:181 فَمَنۢ بَدَّلَهُۥ بَعْدَمَا سَمِعَهُۥ فَإِنَّمَآ إِثْمُهُۥ عَلَى ٱلَّذِينَ يُبَدِّلُونَهُۥٓ إِنَّ ٱللَّهَ سَمِيعٌ عَلِيمٌ ﴿١٨١﴾ فَمَنْ خَافَ مِن مُّوصٍ جَنَفًا أَوْ إِثْمًا فَأَصْلَحَ بَيْنَهُمْ فَلَآ إِثْمَ عَلَيْهِ إِنَّ ٱللَّهَ غَفُورٌ رَّحِيمٌ﴿١٨٢﴾ फिर जो सुन चुका उसके बाद उसे कुछ का कुछ कर दे तो उस का गुनाह उन्हीं लोगों की गरदन पर है जो उसे बदल डालें बेशक ख़ुदा सब कुछ जानता और सुनता है (हाँ अलबत्ता) जो शख्स वसीयत करने वाले से बेजा तरफ़दारी या बे इन्साफी का ख़ौफ रखता है और उन वारिसों में सुलह करा दे तो उस पर बदलने का कुछ गुनाह नहीं है बेशक ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है | ||