Surat Al-Baqara (The Cow) - البقرة
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2:276 يَمْحَقُ ٱللَّهُ ٱلرِّبَوٰا۟ وَيُرْبِى ٱلصَّدَقَٰتِ وَٱللَّهُ لَا يُحِبُّ كُلَّ كَفَّارٍ أَثِيمٍ ﴿٢٧٦﴾ إِنَّ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّٰلِحَٰتِ وَأَقَامُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَءَاتَوُا۟ ٱلزَّكَوٰةَ لَهُمْ أَجْرُهُمْ عِندَ رَبِّهِمْ وَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ﴿٢٧٧﴾ खुदा सूद को मिटाता है और ख़ैरात को बढ़ाता है और जितने नाशुक्रे गुनाहगार हैं खुदा उन्हें दोस्त नहीं रखता (हॉ) जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ी और ज़कात दिया किये उनके लिए अलबत्ता उनका अज्र व (सवाब) उनके परवरदिगार के पास है और (क़यामत में) न तो उन पर किसी क़िस्म का ख़ौफ़ होगा और न वह रन्जीदा दिल होंगे | ||