Surat Al-Baqara (The Cow) - البقرة
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2:88 وَقَالُوا۟ قُلُوبُنَا غُلْفٌۢ بَل لَّعَنَهُمُ ٱللَّهُ بِكُفْرِهِمْ فَقَلِيلًا مَّا يُؤْمِنُونَ ﴿٨٨﴾ وَلَمَّا جَآءَهُمْ كِتَٰبٌ مِّنْ عِندِ ٱللَّهِ مُصَدِّقٌ لِّمَا مَعَهُمْ وَكَانُوا۟ مِن قَبْلُ يَسْتَفْتِحُونَ عَلَى ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ فَلَمَّا جَآءَهُم مَّا عَرَفُوا۟ كَفَرُوا۟ بِهِۦ فَلَعْنَةُ ٱللَّهِ عَلَى ٱلْكَٰفِرِينَ﴿٨٩﴾ और कहने लगे कि हमारे दिलों पर ग़िलाफ चढ़ा हुआ है (ऐसा नहीं) बल्कि उनके कुफ्र की वजह से खुदा ने उनपर लानत की है पस कम ही लोग ईमान लाते हैं और जब उनके पास खुदा की तरफ़ से किताब (कुरान आई और वह उस किताब तौरेत) की जो उन के पास तसदीक़ भी करती है। और उससे पहले (इसकी उम्मीद पर) काफ़िरों पर फतेहयाब होने की दुआएँ माँगते थे पस जब उनके पास वह चीज़ जिसे पहचानते थे आ गई तो लगे इन्कार करने पस काफ़िरों पर खुदा की लानत है | ||