Surat Taa-Haa (Taa-Haa) - طه
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20:132 وَأْمُرْ أَهْلَكَ بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱصْطَبِرْ عَلَيْهَا لَا نَسْـَٔلُكَ رِزْقًا نَّحْنُ نَرْزُقُكَ وَٱلْعَٰقِبَةُ لِلتَّقْوَىٰ ﴿١٣٢﴾ और अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म दो और तुम खुद भी उसके पाबन्द रहो हम तुम से रोज़ी तो तलब करते नहीं (बल्कि) हम तो खुद तुमको रोज़ी देते हैं और परहेज़गारी ही का तो अन्जाम बखैर है | ||