Surat Taa-Haa (Taa-Haa) - طه
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20:135 قُلْ كُلٌّ مُّتَرَبِّصٌ فَتَرَبَّصُوا۟ فَسَتَعْلَمُونَ مَنْ أَصْحَٰبُ ٱلصِّرَٰطِ ٱلسَّوِىِّ وَمَنِ ٱهْتَدَىٰ ﴿١٣٥﴾ रसूल तुम कह दो कि हर शख्स (अपने अन्जामकार का) मुन्तिज़र है तो तुम भी इन्तिज़ार करो फिर तो तुम्हें बहुत जल्द मालूम हो जाएगा कि सीधी राह वाले कौन हैं (और कज़ी पर कौन हैं) हिदायत याफ़ता कौन है और गुमराह कौन है। | ||