Surat Al-Hajj (The Pilgrimage) - الحج
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22:34 وَلِكُلِّ أُمَّةٍ جَعَلْنَا مَنسَكًا لِّيَذْكُرُوا۟ ٱسْمَ ٱللَّهِ عَلَىٰ مَا رَزَقَهُم مِّنۢ بَهِيمَةِ ٱلْأَنْعَٰمِ فَإِلَٰهُكُمْ إِلَٰهٌ وَٰحِدٌ فَلَهُۥٓ أَسْلِمُوا۟ وَبَشِّرِ ٱلْمُخْبِتِينَ ﴿٣٤﴾ और हमने तो हर उम्मत के वास्ते क़ुरबानी का तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया है ताकि जो मवेशी चारपाए खुदा ने उन्हें अता किए हैं उन पर (ज़िबाह के वक्त) ख़ुदा का नाम ले ग़रज़ तुम लोगों का माबूद (वही) यकता खुदा है तो उसी के फरमाबरदार बन जाओ | ||