Surat Al-Hajj (The Pilgrimage) - الحج
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22:51 وَٱلَّذِينَ سَعَوْا۟ فِىٓ ءَايَٰتِنَا مُعَٰجِزِينَ أُو۟لَٰٓئِكَ أَصْحَٰبُ ٱلْجَحِيمِ ﴿٥١﴾ और जिन लोगों ने हमारी आयतों (के झुठलाने में हमारे) आजिज़ करने के वास्ते कोशिश की यही लोग तो जहन्नुमी हैं | ||