Surat Al-Hajj (The Pilgrimage) - الحج
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22:53 لِّيَجْعَلَ مَا يُلْقِى ٱلشَّيْطَٰنُ فِتْنَةً لِّلَّذِينَ فِى قُلُوبِهِم مَّرَضٌ وَٱلْقَاسِيَةِ قُلُوبُهُمْ وَإِنَّ ٱلظَّٰلِمِينَ لَفِى شِقَاقٍۭ بَعِيدٍ ﴿٥٣﴾ और शैतान जो (वसवसा) डालता (भी) है तो इसलिए ताकि खुदा उसे उन लोगों के आज़माइश (का ज़रिया) क़रार दे जिनके दिलों में (कुफ्र का) मर्ज़ है और जिनके दिल सख्त हैं और बेशक (ये) ज़ालिम मुशरेकीन पल्ले दरजे की मुख़ालेफ़त में पड़े हैं | ||