Surat Al-Hajj (The Pilgrimage) - الحج
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22:60 ذَٰلِكَ وَمَنْ عَاقَبَ بِمِثْلِ مَا عُوقِبَ بِهِۦ ثُمَّ بُغِىَ عَلَيْهِ لَيَنصُرَنَّهُ ٱللَّهُ إِنَّ ٱللَّهَ لَعَفُوٌّ غَفُورٌ ﴿٦٠﴾ और खुदा तो बेशक बड़ा वाक़िफकार बुर्दवार है यही (ठीक) है और जो शख्स (अपने दुश्मन को) उतना ही सताए जितना ये उसके हाथों से सताया गया था उसके बाद फिर (दोबारा दुशमन की तरफ़ से) उस पर ज्यादती की जाए तो खुदा उस मज़लूम की ज़रूर मदद करेगा | ||