Surat An-Noor (The Light) - النور
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24:27 يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ لَا تَدْخُلُوا۟ بُيُوتًا غَيْرَ بُيُوتِكُمْ حَتَّىٰ تَسْتَأْنِسُوا۟ وَتُسَلِّمُوا۟ عَلَىٰٓ أَهْلِهَا ذَٰلِكُمْ خَيْرٌ لَّكُمْ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُونَ ﴿٢٧﴾ فَإِن لَّمْ تَجِدُوا۟ فِيهَآ أَحَدًا فَلَا تَدْخُلُوهَا حَتَّىٰ يُؤْذَنَ لَكُمْ وَإِن قِيلَ لَكُمُ ٱرْجِعُوا۟ فَٱرْجِعُوا۟ هُوَ أَزْكَىٰ لَكُمْ وَٱللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ عَلِيمٌ﴿٢٨﴾ لَّيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ أَن تَدْخُلُوا۟ بُيُوتًا غَيْرَ مَسْكُونَةٍ فِيهَا مَتَٰعٌ لَّكُمْ وَٱللَّهُ يَعْلَمُ مَا تُبْدُونَ وَمَا تَكْتُمُونَ﴿٢٩﴾ और इज्ज़त की रोज़ी ऐ ईमानदारों अपने घरों के सिवा दूसरे घरों में (दर्राना) न चले जाओ यहाँ तक कि उनसे इजाज़त ले लो और उन घरों के रहने वालों से साहब सलामत कर लो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है (ये नसीहत इसलिए है) ताकि तुम याद रखो पस अगर तुम उन घरों में किसी को न पाओ तो तावाक़फियत कि तुम को (ख़ास तौर पर) इजाज़त न हासिल हो जाए उन में न जाओ और अगर तुम से कहा जाए कि फिर जाओ तो तुम (बे ताम्मुल) फिर जाओ यही तुम्हारे वास्ते ज्यादा सफाई की बात है और तुम जो कुछ भी करते हो ख़ुदा उससे खूब वाकिफ़ है इसमें अलबत्ता तुम पर इल्ज़ाम नहीं कि ग़ैर आबाद मकानात में जिसमें तुम्हारा कोई असबाब हो (बे इजाज़त) चले जाओ और जो कुछ खुल्लम खुल्ला करते हो और जो कुछ छिपाकर करते हो खुदा (सब कुछ) जानता है | ||