Surat An-Noor (The Light) - النور
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24:50 أَفِى قُلُوبِهِم مَّرَضٌ أَمِ ٱرْتَابُوٓا۟ أَمْ يَخَافُونَ أَن يَحِيفَ ٱللَّهُ عَلَيْهِمْ وَرَسُولُهُۥ بَلْ أُو۟لَٰٓئِكَ هُمُ ٱلظَّٰلِمُونَ ﴿٥٠﴾ क्या उन के दिल में (कुफ्र का) मर्ज़ (बाक़ी) है या शक में पड़े हैं या इस बात से डरते हैं कि (मुबादा) ख़ुदा और उसका रसूल उन पर ज़ुल्म कर बैठेगा- (ये सब कुछ नहीं) बल्कि यही लोग ज़ालिम हैं | ||