Surat Al-Furqaan (The Criterion) - الفرقان
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25:15 قُلْ أَذَٰلِكَ خَيْرٌ أَمْ جَنَّةُ ٱلْخُلْدِ ٱلَّتِى وُعِدَ ٱلْمُتَّقُونَ كَانَتْ لَهُمْ جَزَآءً وَمَصِيرًا ﴿١٥﴾ لَّهُمْ فِيهَا مَا يَشَآءُونَ خَٰلِدِينَ كَانَ عَلَىٰ رَبِّكَ وَعْدًا مَّسْـُٔولًا﴿١٦﴾ (ऐ रसूल) तुम पूछो तो कि जहन्नुम बेहतर है या हमेशा रहने का बाग़ (बेहश्त) जिसका परहेज़गारों से वायदा किया गया है कि वह उन (के आमाल) का सिला होगा और आख़िरी ठिकाना जिस चीज़ की ख्वाहिश करेंगें उनके लिए वहाँ मौजूद होगी (और) वह हमेशा (उसी हाल में) रहेंगें ये तुम्हारे परवरदिगार पर एक लाज़िमी और माँगा हुआ वायदा है | ||