Surat Al-Furqaan (The Criterion) - الفرقان
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25:19 فَقَدْ كَذَّبُوكُم بِمَا تَقُولُونَ فَمَا تَسْتَطِيعُونَ صَرْفًا وَلَا نَصْرًا وَمَن يَظْلِم مِّنكُمْ نُذِقْهُ عَذَابًا كَبِيرًا ﴿١٩﴾ तब (काफ़िरों से कहा जाएगा कि) तुम जो कुछ कह रहे हो उसमें तो तुम्हारे माबूदों ने तुम्हें झूठला दिया तो अब तुम न (हमारे अज़ाब के) टाल देने की सकत रखते हो न किसी से मदद ले सकते हो और (याद रखो) तुममें से जो ज़ुल्म करेगा हम उसको बड़े (सख्त) अज़ाब का (मज़ा) चखाएगें | ||