Surat Al-Furqaan (The Criterion) - الفرقان
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25:32 وَقَالَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ لَوْلَا نُزِّلَ عَلَيْهِ ٱلْقُرْءَانُ جُمْلَةً وَٰحِدَةً كَذَٰلِكَ لِنُثَبِّتَ بِهِۦ فُؤَادَكَ وَرَتَّلْنَٰهُ تَرْتِيلًا ﴿٣٢﴾ और कुफ्फार कहने लगे कि उनके ऊपर (आख़िर) क़ुरान का कुल (एक ही दफा) क्यों नहीं नाज़िल किया गया (हमने) इस तरह इसलिए (नाज़िल किया) ताकि तुम्हारे दिल को तस्कीन देते रहें और हमने इसको ठहर ठहर कर नाज़िल किया | ||