Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:114 وَمَآ أَنَا۠ بِطَارِدِ ٱلْمُؤْمِنِينَ ﴿١١٤﴾ काश तुम (इतनी) समझ रखते और मै तो ईमानदारों को अपने पास से निकालने वाला नहीं | ||
26:114 وَمَآ أَنَا۠ بِطَارِدِ ٱلْمُؤْمِنِينَ ﴿١١٤﴾ काश तुम (इतनी) समझ रखते और मै तो ईमानदारों को अपने पास से निकालने वाला नहीं | ||