Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:117 قَالَ رَبِّ إِنَّ قَوْمِى كَذَّبُونِ ﴿١١٧﴾ فَٱفْتَحْ بَيْنِى وَبَيْنَهُمْ فَتْحًا وَنَجِّنِى وَمَن مَّعِىَ مِنَ ٱلْمُؤْمِنِينَ﴿١١٨﴾ नूह ने अर्ज की परवरदिगार मेरी क़ौम ने यक़ीनन मुझे झुठलाया तो अब तू मेरे और इन लोगों के दरमियान एक क़तई फैसला कर दे और मुझे और जो मोमिनीन मेरे साथ हें उनको नजात दे | ||