Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
Home > > >
26:124 إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ هُودٌ أَلَا تَتَّقُونَ ﴿١٢٤﴾ إِنِّى لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ﴿١٢٥﴾ فَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ﴿١٢٦﴾ وَمَآ أَسْـَٔلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِىَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلْعَٰلَمِينَ﴿١٢٧﴾ أَتَبْنُونَ بِكُلِّ رِيعٍ ءَايَةً تَعْبَثُونَ﴿١٢٨﴾ وَتَتَّخِذُونَ مَصَانِعَ لَعَلَّكُمْ تَخْلُدُونَ﴿١٢٩﴾ وَإِذَا بَطَشْتُم بَطَشْتُمْ جَبَّارِينَ﴿١٣٠﴾ فَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ﴿١٣١﴾ وَٱتَّقُوا۟ ٱلَّذِىٓ أَمَدَّكُم بِمَا تَعْلَمُونَ﴿١٣٢﴾ أَمَدَّكُم بِأَنْعَٰمٍ وَبَنِينَ﴿١٣٣﴾ जब उनके भाई हूद ने उनसे कहा कि तुम ख़ुदा से क्यों नही डरते मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो मै तो तुम से इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी उजरत तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है तो क्या तुम ऊँची जगह पर बेकार यादगारे बनाते फिरते हो और बड़े बड़े महल तामीर करते हो गोया तुम हमेशा (यहीं) रहोगे और जब तुम (किसी पर) हाथ डालते हो तो सरकशी से हाथ डालते हो तो तुम ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो और उस शख्स से डरो जिसने तुम्हारी उन चीज़ों से मदद की जिन्हें तुम खूब जानते हो अच्छा सुनो उसने तुम्हारे चार पायों और लड़के बालों वग़ैरह और चश्मों से मदद की | ||