Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:142 إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ صَٰلِحٌ أَلَا تَتَّقُونَ ﴿١٤٢﴾ إِنِّى لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ﴿١٤٣﴾ فَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ﴿١٤٤﴾ وَمَآ أَسْـَٔلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِىَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلْعَٰلَمِينَ﴿١٤٥﴾ أَتُتْرَكُونَ فِى مَا هَٰهُنَآ ءَامِنِينَ﴿١٤٦﴾ فِى جَنَّٰتٍ وَعُيُونٍ﴿١٤٧﴾ وَزُرُوعٍ وَنَخْلٍ طَلْعُهَا هَضِيمٌ﴿١٤٨﴾ وَتَنْحِتُونَ مِنَ ٱلْجِبَالِ بُيُوتًا فَٰرِهِينَ﴿١٤٩﴾ فَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ﴿١٥٠﴾ وَلَا تُطِيعُوٓا۟ أَمْرَ ٱلْمُسْرِفِينَ﴿١٥١﴾ जब उनके भाई सालेह ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यो नहीं डरते मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ तो खुदा से डरो और मेरी इताअत करो और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता- मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदाई के पालने वाले (ख़ुदा पर है) क्या जो चीजें यहाँ (दुनिया में) मौजूद है बाग़ और चश्में और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है उन्हीं मे तुम लोग इतमिनान से (हमेशा के लिए) छोड़ दिए जाओगे और (इस वजह से) पूरी महारत और तकलीफ के साथ पहाड़ों को काट काट कर घर बनाते हो तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो और ज्यादती करने वालों का कहा न मानों | ||