Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:147 فِى جَنَّٰتٍ وَعُيُونٍ ﴿١٤٧﴾ बाग़ और चश्में और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है | ||
26:147 فِى جَنَّٰتٍ وَعُيُونٍ ﴿١٤٧﴾ बाग़ और चश्में और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है | ||