Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
Home > > >
26:15 قَالَ كَلَّا فَٱذْهَبَا بِـَٔايَٰتِنَآ إِنَّا مَعَكُم مُّسْتَمِعُونَ ﴿١٥﴾ तो मैं डरता हूँ कि (शायद) मुझे ये लाग मार डालें ख़ुदा ने कहा हरगिज़ नहीं अच्छा तुम दोनों हमारी निशानियाँ लेकर जाओ हम तुम्हारे साथ हैं | ||