Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:160 كَذَّبَتْ قَوْمُ لُوطٍ ٱلْمُرْسَلِينَ ﴿١٦٠﴾ إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ لُوطٌ أَلَا تَتَّقُونَ﴿١٦١﴾ إِنِّى لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ﴿١٦٢﴾ فَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ﴿١٦٣﴾ وَمَآ أَسْـَٔلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِىَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلْعَٰلَمِينَ﴿١٦٤﴾ أَتَأْتُونَ ٱلذُّكْرَانَ مِنَ ٱلْعَٰلَمِينَ﴿١٦٥﴾ وَتَذَرُونَ مَا خَلَقَ لَكُمْ رَبُّكُم مِّنْ أَزْوَٰجِكُم بَلْ أَنتُمْ قَوْمٌ عَادُونَ﴿١٦٦﴾ قَالُوا۟ لَئِن لَّمْ تَنتَهِ يَٰلُوطُ لَتَكُونَنَّ مِنَ ٱلْمُخْرَجِينَ﴿١٦٧﴾ قَالَ إِنِّى لِعَمَلِكُم مِّنَ ٱلْقَالِينَ﴿١٦٨﴾ رَبِّ نَجِّنِى وَأَهْلِى مِمَّا يَعْمَلُونَ﴿١٦٩﴾ इसी तरह लूत की क़ौम ने पैग़म्बरों को झुठलाया जब उनके भाई लूत ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते मै तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है क्या तुम लोग (शहवत परस्ती के लिए) सारे जहाँ के लोगों में मर्दों ही के पास जाते हो और तुम्हारे वास्ते जो बीवियाँ तुम्हारे परवरदिगार ने पैदा की है उन्हें छोड़ देते हो (ये कुछ नहीं) बल्कि तुम लोग हद से गुज़र जाने वाले आदमी हो उन लोगों ने कहा ऐ लूत अगर तुम बाज़ न आओगे तो तुम ज़रुर निकल बाहर कर दिए जाओगे लूत ने कहा मै यक़ीनन तुम्हारी (नाशाइसता) हरकत से बेज़ार हूँ (और दुआ की) परवरदिगार जो कुछ ये लोग करते है उससे मुझे और मेरे लड़कों को नजात दे | ||