Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:203 فَيَقُولُوا۟ هَلْ نَحْنُ مُنظَرُونَ ﴿٢٠٣﴾ (मगर जब अज़ाब नाज़िल होगा) तो वह लोग कहेंगे कि क्या हमें (इस वक्त क़ुछ) मोहलत मिल सकती है | ||
26:203 فَيَقُولُوا۟ هَلْ نَحْنُ مُنظَرُونَ ﴿٢٠٣﴾ (मगर जब अज़ाब नाज़िल होगा) तो वह लोग कहेंगे कि क्या हमें (इस वक्त क़ुछ) मोहलत मिल सकती है | ||