Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:82 وَٱلَّذِىٓ أَطْمَعُ أَن يَغْفِرَ لِى خَطِيٓـَٔتِى يَوْمَ ٱلدِّينِ ﴿٨٢﴾ رَبِّ هَبْ لِى حُكْمًا وَأَلْحِقْنِى بِٱلصَّٰلِحِينَ﴿٨٣﴾ और वह वही है जिससे मै उम्मीद रखता हूँ कि क़यामत के दिन मेरी ख़ताओं को बख्श देगा परवरदिगार मुझे इल्म व फहम अता फरमा और मुझे नेकों के साथ शामिल कर | ||