Surat An-Naml (The Ant) - النمل
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27:81 وَمَآ أَنتَ بِهَٰدِى ٱلْعُمْىِ عَن ضَلَٰلَتِهِمْ إِن تُسْمِعُ إِلَّا مَن يُؤْمِنُ بِـَٔايَٰتِنَا فَهُم مُّسْلِمُونَ ﴿٨١﴾ और न तुम अंधें को उनकी गुमराही से राह पर ला सकते हो तुम तो बस उन्हीं लोगों को (अपनी बात) सुना सकते हो जो हमारी आयतों पर ईमान रखते हैं | ||