Surat Al-Qasas (The Stories) - القصص
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28:77 وَٱبْتَغِ فِيمَآ ءَاتَىٰكَ ٱللَّهُ ٱلدَّارَ ٱلْءَاخِرَةَ وَلَا تَنسَ نَصِيبَكَ مِنَ ٱلدُّنْيَا وَأَحْسِن كَمَآ أَحْسَنَ ٱللَّهُ إِلَيْكَ وَلَا تَبْغِ ٱلْفَسَادَ فِى ٱلْأَرْضِ إِنَّ ٱللَّهَ لَا يُحِبُّ ٱلْمُفْسِدِينَ ﴿٧٧﴾ और जो कुछ ख़ुदा ने तूझे दे रखा है उसमें आख़िरत के घर की भी जुस्तजू कर और दुनिया से जिस क़दर तेरा हिस्सा है मत भूल जा और जिस तरह ख़ुदा ने तेरे साथ एहसान किया है तू भी औरों के साथ एहसान कर और रुए ज़मीन में फसाद का ख्वाहा न हो-इसमें शक नहीं कि ख़ुदा फ़साद करने वालों को दोस्त नहीं रखता | ||