Surat Aal-i-Imraan (The Family of Imraan) - آل عمران
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3:24 ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمْ قَالُوا۟ لَن تَمَسَّنَا ٱلنَّارُ إِلَّآ أَيَّامًا مَّعْدُودَٰتٍ وَغَرَّهُمْ فِى دِينِهِم مَّا كَانُوا۟ يَفْتَرُونَ ﴿٢٤﴾ ये इस वजह से है कि वह लोग कहते हैं कि हमें गिनती के चन्द दिनों के सिवा जहन्नुम की आग हरगिज़ छुएगी भी तो नहीं जो इफ़तेरा परदाज़ी ये लोग बराबर करते आए हैं उसी ने उन्हें उनके दीन में भी धोखा दिया है | ||