Surat Aal-i-Imraan (The Family of Imraan) - آل عمران
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3:44 ذَٰلِكَ مِنْ أَنۢبَآءِ ٱلْغَيْبِ نُوحِيهِ إِلَيْكَ وَمَا كُنتَ لَدَيْهِمْ إِذْ يُلْقُونَ أَقْلَٰمَهُمْ أَيُّهُمْ يَكْفُلُ مَرْيَمَ وَمَا كُنتَ لَدَيْهِمْ إِذْ يَخْتَصِمُونَ ﴿٤٤﴾ إِذْ قَالَتِ ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ يَٰمَرْيَمُ إِنَّ ٱللَّهَ يُبَشِّرُكِ بِكَلِمَةٍ مِّنْهُ ٱسْمُهُ ٱلْمَسِيحُ عِيسَى ٱبْنُ مَرْيَمَ وَجِيهًا فِى ٱلدُّنْيَا وَٱلْءَاخِرَةِ وَمِنَ ٱلْمُقَرَّبِينَ﴿٤٥﴾ (ऐ रसूल) ये ख़बर गैब की ख़बरों में से है जो हम तुम्हारे पास 'वही' के ज़रिए से भेजते हैं (ऐ रसूल) तुम तो उन सरपरस्ताने मरियम के पास मौजूद न थे जब वह लोग अपना अपना क़लम दरिया में बतौर क़ुरआ के डाल रहे थे (देखें) कौन मरियम का कफ़ील बनता है और न तुम उस वक्त उनके पास मौजूद थे जब वह लोग आपस में झगड़ रहे थे (वह वाक़िया भी याद करो) जब फ़रिश्तों ने (मरियम) से कहा ऐ मरियम ख़ुदा तुमको सिर्फ़ अपने हुक्म से एक लड़के के पैदा होने की खुशख़बरी देता है जिसका नाम ईसा मसीह इब्ने मरियम होगा (और) दुनिया और आखेरत (दोनों) में बाइज्ज़त (आबरू) और ख़ुदा के मुक़र्रब बन्दों में होगा | ||