Surat Aal-i-Imraan (The Family of Imraan) - آل عمران
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3:66 هَٰٓأَنتُمْ هَٰٓؤُلَآءِ حَٰجَجْتُمْ فِيمَا لَكُم بِهِۦ عِلْمٌ فَلِمَ تُحَآجُّونَ فِيمَا لَيْسَ لَكُم بِهِۦ عِلْمٌ وَٱللَّهُ يَعْلَمُ وَأَنتُمْ لَا تَعْلَمُونَ ﴿٦٦﴾ तो क्या तुम इतना भी नहीं समझते? (ऐ लो अरे) तुम वही एहमक़ लोग हो कि जिस का तुम्हें कुछ इल्म था उसमें तो झगड़ा कर चुके (खैर) फिर तब उसमें क्या (ख्वाह मा ख्वाह) झगड़ने बैठे हो जिसकी (सिरे से) तुम्हें कुछ ख़बर नहीं और (हकॣक़ते हाल तो) खुदा जानता है और तुम नहीं जानते | ||