Surat Ar-Room (The Romans) - الروم
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30:2 غُلِبَتِ ٱلرُّومُ ﴿٢﴾ فِىٓ أَدْنَى ٱلْأَرْضِ وَهُم مِّنۢ بَعْدِ غَلَبِهِمْ سَيَغْلِبُونَ﴿٣﴾ فِى بِضْعِ سِنِينَ لِلَّهِ ٱلْأَمْرُ مِن قَبْلُ وَمِنۢ بَعْدُ وَيَوْمَئِذٍ يَفْرَحُ ٱلْمُؤْمِنُونَ﴿٤﴾ بِنَصْرِ ٱللَّهِ يَنصُرُ مَن يَشَآءُ وَهُوَ ٱلْعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ﴿٥﴾ (यहाँ से) बहुत क़रीब के मुल्क में रोमी (नसारा अहले फ़ारस आतिश परस्तों से) हार गए मगर ये लोग अनक़रीब ही अपने हार जाने के बाद चन्द सालों में फिर (अहले फ़ारस पर) ग़ालिब आ जाएँगे क्योंकि (इससे) पहले और बाद (ग़रज़ हर ज़माने में) हर अम्र का एख्तेयार ख़ुदा ही को है और उस दिन ईमानदार लोग ख़ुदा की मदद से खुश हो जाएँगे वह जिसकी चाहता है मदद करता है और वह (सब पर) ग़ालिब रहम करने वाला है | ||