Surat Ar-Room (The Romans) - الروم
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30:5 بِنَصْرِ ٱللَّهِ يَنصُرُ مَن يَشَآءُ وَهُوَ ٱلْعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ ﴿٥﴾ वह जिसकी चाहता है मदद करता है और वह (सब पर) ग़ालिब रहम करने वाला है | ||
30:5 بِنَصْرِ ٱللَّهِ يَنصُرُ مَن يَشَآءُ وَهُوَ ٱلْعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ ﴿٥﴾ वह जिसकी चाहता है मदद करता है और वह (सब पर) ग़ालिब रहम करने वाला है | ||