Surat As-Sajda (The Prostration) - السجدة
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32:15 إِنَّمَا يُؤْمِنُ بِـَٔايَٰتِنَا ٱلَّذِينَ إِذَا ذُكِّرُوا۟ بِهَا خَرُّوا۟ سُجَّدًا وَسَبَّحُوا۟ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَهُمْ لَا يَسْتَكْبِرُونَ ﴿١٥﴾ हमारी आयतों पर ईमान बस वही लोग लाते हैं कि जिस वक्त उन्हें वह (आयते) याद दिलायी गयीं तो फौरन सजदे में गिर पड़ने और अपने परवरदिगार की हम्दो सना की तस्बीह पढ़ने लगे और ये लोग तकब्बुर नही करते (15) (सजदा) | ||