Surat As-Sajda (The Prostration) - السجدة
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32:23 وَلَقَدْ ءَاتَيْنَا مُوسَى ٱلْكِتَٰبَ فَلَا تَكُن فِى مِرْيَةٍ مِّن لِّقَآئِهِۦ وَجَعَلْنَٰهُ هُدًى لِّبَنِىٓ إِسْرَٰٓءِيلَ ﴿٢٣﴾ وَجَعَلْنَا مِنْهُمْ أَئِمَّةً يَهْدُونَ بِأَمْرِنَا لَمَّا صَبَرُوا۟ وَكَانُوا۟ بِـَٔايَٰتِنَا يُوقِنُونَ﴿٢٤﴾ और (ऐ रसूल) हमने तो मूसा को भी (आसमानी किताब) तौरेत अता की थी तुम भी इस किताब (कुरान) के (अल्लाह की तरफ से) मिलने में शक में न पड़े रहो और हमने इस (तौरेत) तो तुम को भी बनी इसराईल के लिए रहनुमा क़रार दिया था और उन्ही (बनी इसराईल) में से हमने कुछ लोगों को चूंकि उन्होंने (मुसीबतों पर) सब्र किया था पेशवा बनाया जो हमारे हुक्म से (लोगो की) हिदायत करते थे और (इसके अलावा) हमारी आयतो का दिल से यक़ीन रखते थे | ||