Surat Al-Ahzaab (The Clans) - الأحزاب
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33:28 يَٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِىُّ قُل لِّأَزْوَٰجِكَ إِن كُنتُنَّ تُرِدْنَ ٱلْحَيَوٰةَ ٱلدُّنْيَا وَزِينَتَهَا فَتَعَالَيْنَ أُمَتِّعْكُنَّ وَأُسَرِّحْكُنَّ سَرَاحًا جَمِيلًا ﴿٢٨﴾ وَإِن كُنتُنَّ تُرِدْنَ ٱللَّهَ وَرَسُولَهُۥ وَٱلدَّارَ ٱلْءَاخِرَةَ فَإِنَّ ٱللَّهَ أَعَدَّ لِلْمُحْسِنَٰتِ مِنكُنَّ أَجْرًا عَظِيمًا﴿٢٩﴾ ऐ रसूल अपनी बीवियों से कह दो कि अगर तुम (फक़त) दुनियावी ज़िन्दगी और उसकी आराइश व ज़ीनत की ख्वाहॉ हो तो उधर आओ मैं तुम लोगों को कुछ साज़ो सामान दे दूँ और उनवाने शाइस्ता से रूख़सत कर दूँ और अगर तुम लोग खुदा और उसके रसूल और आखेरत के घर की ख्वाहॉ हो तो (अच्छी तरह ख्याल रखो कि) तुम लोगों में से नेकोकार औरतों के लिए खुदा ने यक़ीनन् बड़ा (बड़ा) अज्र व (सवाब) मुहय्या कर रखा है | ||