Surat Saba (Sheba) - سبإ
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34:20 وَلَقَدْ صَدَّقَ عَلَيْهِمْ إِبْلِيسُ ظَنَّهُۥ فَٱتَّبَعُوهُ إِلَّا فَرِيقًا مِّنَ ٱلْمُؤْمِنِينَ ﴿٢٠﴾ وَمَا كَانَ لَهُۥ عَلَيْهِم مِّن سُلْطَٰنٍ إِلَّا لِنَعْلَمَ مَن يُؤْمِنُ بِٱلْءَاخِرَةِ مِمَّنْ هُوَ مِنْهَا فِى شَكٍّ وَرَبُّكَ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ حَفِيظٌ﴿٢١﴾ और शैतान ने अपने ख्याल को (जो उनके बारे में किया था) सच कर दिखाया तो उन लोगों ने उसकी पैरवी की मगर ईमानवालों का एक गिरोह (न भटका) और शैतान का उन लोगों पर कुछ क़ाबू तो था नहीं मगर ये (मतलब था) कि हम उन लोगों को जो आख़ेरत का यक़ीन रखते हैं उन लोगों से अलग देख लें जो उसके बारे में शक में (पड़े) हैं और तुम्हारा परवरदिगार तो हर चीज़ का निगरॉ है | ||