Surat Faatir (The Originator) - فاطر
Home > > >
35:14 إِن تَدْعُوهُمْ لَا يَسْمَعُوا۟ دُعَآءَكُمْ وَلَوْ سَمِعُوا۟ مَا ٱسْتَجَابُوا۟ لَكُمْ وَيَوْمَ ٱلْقِيَٰمَةِ يَكْفُرُونَ بِشِرْكِكُمْ وَلَا يُنَبِّئُكَ مِثْلُ خَبِيرٍ ﴿١٤﴾ अगर तुम उनको पुकारो तो वह तुम्हारी पुकार को सुनते नहीं अगर (बिफ़रज़े मुहाल) सुनों भी तो तुम्हारी दुआएँ नहीं कुबूल कर सकते और क़यामत के दिन तुम्हारे शिर्क से इन्कार कर बैठेंगें और वाक़िफकार (शख्स की तरह कोई दूसरा उनकी पूरी हालत) तुम्हें बता नहीं सकता | ||