Surat Faatir (The Originator) - فاطر
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35:15 يَٰٓأَيُّهَا ٱلنَّاسُ أَنتُمُ ٱلْفُقَرَآءُ إِلَى ٱللَّهِ وَٱللَّهُ هُوَ ٱلْغَنِىُّ ٱلْحَمِيدُ ﴿١٥﴾ लोगों तुम सब के सब खुदा के (हर वक्त) मोहताज हो और (सिर्फ) खुदा ही (सबसे) बेपरवा सज़ावारे हम्द (व सना) है | ||