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BackSurat Faatir (The Originator) - فاطر

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35:1

بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ فَاطِرِ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ جَاعِلِ ٱلْمَلَٰٓئِكَةِ رُسُلًا أُو۟لِىٓ أَجْنِحَةٍ مَّثْنَىٰ وَثُلَٰثَ وَرُبَٰعَ يَزِيدُ فِى ٱلْخَلْقِ مَا يَشَآءُ إِنَّ ٱللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ قَدِيرٌ ﴿١﴾

हर तरह की तारीफ खुदा ही के लिए (मख़सूस) है जो सारे आसमान और ज़मीन का पैदा करने वाला फरिश्तों का (अपना) क़ासिद बनाने वाला है जिनके दो-दो और तीन-तीन और चार-चार पर होते हैं (मख़लूक़ात की) पैदाइश में जो (मुनासिब) चाहता है बढ़ा देता है बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर (व तवाना है)

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