Surat Faatir (The Originator) - فاطر
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35:31 وَٱلَّذِىٓ أَوْحَيْنَآ إِلَيْكَ مِنَ ٱلْكِتَٰبِ هُوَ ٱلْحَقُّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهِ إِنَّ ٱللَّهَ بِعِبَادِهِۦ لَخَبِيرٌۢ بَصِيرٌ ﴿٣١﴾ और हमने जो किताब तुम्हारे पास ''वही'' के ज़रिए से भेजी वह बिल्कुल ठीक है और जो (किताबें इससे पहले की) उसके सामने (मौजूद) हैं उनकी तसदीक़ भी करती हैं - बेशक खुदा अपने बन्दों (के हालात) से खूब वाक़िफ है (और) देख रहा है | ||