Surat Faatir (The Originator) - فاطر
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35:6 إِنَّ ٱلشَّيْطَٰنَ لَكُمْ عَدُوٌّ فَٱتَّخِذُوهُ عَدُوًّا إِنَّمَا يَدْعُوا۟ حِزْبَهُۥ لِيَكُونُوا۟ مِنْ أَصْحَٰبِ ٱلسَّعِيرِ ﴿٦﴾ बेशक शैतान तुम्हारा दुश्मन है तो तुम भी उसे अपना दुशमन बनाए रहो वह तो अपने गिरोह को बस इसलिए बुलाता है कि वह लोग (सब के सब) जहन्नुमी बन जाएँ | ||