Surat Yaseen (Yaseen) - يس
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36:11 إِنَّمَا تُنذِرُ مَنِ ٱتَّبَعَ ٱلذِّكْرَ وَخَشِىَ ٱلرَّحْمَٰنَ بِٱلْغَيْبِ فَبَشِّرْهُ بِمَغْفِرَةٍ وَأَجْرٍ كَرِيمٍ ﴿١١﴾ तुम तो बस उसी शख्स को डरा सकते हो जो नसीहत माने और बेदेखे भाले खुदा का ख़ौफ़ रखे तो तुम उसको (गुनाहों की) माफी और एक बाइज्ज़त (व आबरू) अज्र की खुशख़बरी दे दो | ||