Surat Yaseen (Yaseen) - يس
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36:55 إِنَّ أَصْحَٰبَ ٱلْجَنَّةِ ٱلْيَوْمَ فِى شُغُلٍ فَٰكِهُونَ ﴿٥٥﴾ هُمْ وَأَزْوَٰجُهُمْ فِى ظِلَٰلٍ عَلَى ٱلْأَرَآئِكِ مُتَّكِـُٔونَ﴿٥٦﴾ لَهُمْ فِيهَا فَٰكِهَةٌ وَلَهُم مَّا يَدَّعُونَ﴿٥٧﴾ سَلَٰمٌ قَوْلًا مِّن رَّبٍّ رَّحِيمٍ﴿٥٨﴾ बेहश्त के रहने वाले आज (रोजे क़यामत) एक न एक मशग़ले में जी बहला रहे हैं वह अपनी बीवियों के साथ (ठन्डी) छाँव में तकिया लगाए तख्तों पर (चैन से) बैठे हुए हैं बेिहश्त में उनके लिए (ताज़ा) मेवे (तैयार) हैं और जो वह चाहें उनके लिए (हाज़िर) है मेहरबान परवरदिगार की तरफ से सलाम का पैग़ाम आएगा | ||