Surat Yaseen (Yaseen) - يس
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36:68 وَمَن نُّعَمِّرْهُ نُنَكِّسْهُ فِى ٱلْخَلْقِ أَفَلَا يَعْقِلُونَ ﴿٦٨﴾ और हम जिस शख्स को (बहुत) ज्यादा उम्र देते हैं तो उसे ख़िलक़त में उलट (कर बच्चों की तरह मजबूर कर) देते हैं तो क्या वह लोग समझते नहीं | ||