Surat Yaseen (Yaseen) - يس
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36:78 وَضَرَبَ لَنَا مَثَلًا وَنَسِىَ خَلْقَهُۥ قَالَ مَن يُحْىِ ٱلْعِظَٰمَ وَهِىَ رَمِيمٌ ﴿٧٨﴾ और हमारी निसबत बातें बनाने लगा और अपनी ख़िलक़त (की हालत) भूल गया और कहने लगा कि भला जब ये हड्डियां (सड़गल कर) ख़ाक हो जाएँगी तो (फिर) कौन (दोबारा) ज़िन्दा कर सकता है | ||