Surat As-Saaffaat (Those drawn up in Ranks) - الصافات
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37:6 إِنَّا زَيَّنَّا ٱلسَّمَآءَ ٱلدُّنْيَا بِزِينَةٍ ٱلْكَوَاكِبِ ﴿٦﴾ وَحِفْظًا مِّن كُلِّ شَيْطَٰنٍ مَّارِدٍ﴿٧﴾ لَّا يَسَّمَّعُونَ إِلَى ٱلْمَلَإِ ٱلْأَعْلَىٰ وَيُقْذَفُونَ مِن كُلِّ جَانِبٍ﴿٨﴾ دُحُورًا وَلَهُمْ عَذَابٌ وَاصِبٌ﴿٩﴾ إِلَّا مَنْ خَطِفَ ٱلْخَطْفَةَ فَأَتْبَعَهُۥ شِهَابٌ ثَاقِبٌ﴿١٠﴾ और (चाँद सूरज तारे के) तुलूउ व (गुरूब) के मक़ामात का भी मालिक है हम ही ने नीचे वाले आसमान को तारों की आरइश (जगमगाहट) से आरास्ता किया और (तारों को) हर सरकश शैतान से हिफ़ाज़त के वास्ते (भी पैदा किया) कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन गुन लेना चाहा तो) हर तरफ़ से खदेड़ने के लिए शहाब फेके जाते हैं और उनके लिए पाएदार अज़ाब है मगर जो (शैतान शाज़ व नादिर फरिश्तों की) कोई बात उचक ले भागता है तो आग का दहकता हुआ तीर उसका पीछा करता है | ||