Surat Saad (The letter Saad) - ص
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38:62 وَقَالُوا۟ مَا لَنَا لَا نَرَىٰ رِجَالًا كُنَّا نَعُدُّهُم مِّنَ ٱلْأَشْرَارِ ﴿٦٢﴾ أَتَّخَذْنَٰهُمْ سِخْرِيًّا أَمْ زَاغَتْ عَنْهُمُ ٱلْأَبْصَٰرُ﴿٦٣﴾ और (फिर) खुद भी कहेगें हमें क्या हो गया है कि हम जिन लोगों को (दुनिया में) शरीर शुमार करते थे हम उनको यहाँ (दोज़ख़) में नहीं देखते क्या हम उनसे (नाहक़) मसखरापन करते थे या उनकी तरफ से (हमारी) ऑंखे पलट गयी हैं | ||